Aravalli Safari Park Project: A New Wildlife Haven or a Threat to the Ecosystem?

Ashu Kumari
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Aravalli Safari Park Project

Aravalli Safari Park Project: हेलो दोस्तों हम एक महत्वपूर्ण परियोजना पर बात करने जा रहे हैं, जो जुड़ी हुई हैं अरावली पर्वत श्रंखला में बनने वाली एक पार्क परियोजना के बारे में। यह परियोजना हरियाणा सरकार की एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस परियोजना को लेकर वैज्ञानिको/ विशेष्ज्ञो ने सवाल उठाया हैं की यह परियोजना वस्तुतः संरक्षण के दिशा में एक प्रयास नहीं हैं बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने के अंतर्गत एक प्रयास हैं जिससे हरियाणा में पड़ने वाले अरावली पर्वत के क्षेत्र की पारिस्थिकीय संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं।

Aravalli Safari Park

Aravalli Safari Park Project

हरियाणा सरकार की अरावली सफारी पार्क परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा सफारी पार्क बनाने का लक्ष्य रखती है

कुल क्षत्रफल – 3,858 हेक्टेयर क्षेत्र

Aravalli Safari Park Project: क्या क्या देखने मिलेगा

  • पार्क में:
    • ” जानवरों के बाड़े, अतिथि गृह, होटल, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम, बच्चों के पार्क, बॉटनिकल गार्डन, एकेरियम, केबल कार, सुरंग वॉक, ओपन-एयर
    • थियेटर और खाने-पीने की दुकानें
    • परियोजना गुरुग्राम (2,574 हेक्टेयर, 11 गांवों में) और नूह (1,284 हेक्टेयर, 7 गांवों में) में फैली
    • परियोजना को वन विभाग को सौंपा गया है, और एक विशेषज्ञ समिति इसकी निगरानी कर रही है

Aravalli परियोजना का विरोध

  • अरावली पर्वतमाला पारिस्थितिकीय दृष्टि से महत्वपूर्ण
    • ” मरुस्थलीकरण से लड़ने, जलग्रहण क्षत्र को बनाए रखने और वन्यजीवों और पौधों के लिए आवास प्रदान करने में मदद
    • भारतीय वन सेवा के 37 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर परियोजना को रद्द करने का अनुरोध किया

Aravalli परियोजना का विरोध कारण

कारण: उद्देश्य संरक्षण नहीं, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देना परियोजना से अरावली पहाडियों के नीचे स्थित जलभृत (aquifers) को
नुकसान हो सकता है, जो गुरुग्राम और नूह के जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं
आलोचक – हरियाणा को पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रं में विकास परियोजनाओं के बजाय प्राकृतिक वनों को पुन:.जीवित करने की आवश्यकता

Aravalli के लिए कानूनी सुरक्षा

  • हरियाणा में अरावली पहाड़ियों का अधिकांश हिस्सा विभिन्न कानूनों और सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशोंद्वारा संरक्षित
  • इसमें पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (PLPA), 1900 और भारतीय वन अधिनियम शामिल
  • अरावली के कुछ हिस्से – संरक्षित वन के रूप में अधिसूचित: वनों का अतिक्रमण और गैर-कृषि उपयोग पर कानूनी प्रतिबंध
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय योजना-2021 में अरावली और वन क्षेत्र को “प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र ” के रूप में वर्गीकृत किया गया

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Ashu Kumari is an UPSC Aspirant dons many hats- writer, graphic designer, editor and SEO expert. She has over 5 years of experience in crafting creative yet impactful content for various domains. Writing aside, she finds solace in the world of books, exploring nature's beauty, binge-watching Asian dramas and engaging in DIY projects. Education: B.SC (Chemistry Honours) Language: English, Hindi, Bhojpuri
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