PM-Asha Scheme: प्रधानमत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान

PM-Asha Scheme: प्रथानमत्री अन्नदाता आय सरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को (2018) में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। यह एक बाजार हस्तक्षेप योजना है, जिसके तहत किसानों को न्यूनतम समथन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी उपज की खरीद सनिश्चित की जाती है। PM-AASHA योजना के तहत सरकार ने 2025-26 तक तुअर, उड़द और मसूर की सौ फीसदी खरीदी की मंजूरी दी. योजना से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा, और दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.

PM-Asha

PM-AASHA Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पीएम-आशा योजना को अगले तीन वर्षों तक यानी 2025-26 तक जारी रखने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. यह योजना किसानों को उनके उत्पादों पर अच्छा मूल्य दिलाने के लिए बनाई गई है. इसके माध्यम से केंद्र सरकार ने किसानों के हितों की सुरक्षा और उन्हें एक स्थिर और समर्थन मूल्य दिलाने का लक्ष्य रखा है. इस योजना के अंतर्गत कई आवश्यक वस्तुओं, जैसे तिलहन, दलहन और खोपरा, की खरीदारी की जाती है, जिससे किसानों को उनके उत्पादों का सही और न्यायसंगत मूल्य मिल सके.

योजना का उददेश्यः

इस योजना का उददेश्य किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाना है। जब अधिसूचित कृषि वस्तुएं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सें नीचे बिकती हैं, तो राज्य और केंद्रीय खरीद एजेंसियां उन्हें किसानों से सीधे एमएसपी पर खरीदती हैं।

  • यह योजना दालों, तिलहन और नारियल जैसी कृषि वस्तुओं के लिए लागु होती है।
  • खरीद एजेंसी; इसमें केंद्र और राज्य सरकार की अधिसूचित एजेंसियां शामिल होती है।
  • फसले: चना, अरहर, मूग, उडद, असर, मूंगफली रेपसीड सरसों, सोयाबीन, तिल, सूरजमुखी, कुसुम, निगारसीड, और नारियल शामिल हैं।

सरकार ने पीएम-आशा योजना को 35,000 करोड़ रुपये के साथ जारी रखने की मंजूरी दी, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य और कंज्यूमर्स के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित होगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग के साइकल के दौरान, वित्त वर्ष 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा.

सरकार ने इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी हैं

सरकार ने इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी हैं:-
1.खरीद वर्ष 2024-25 के लिए दालों की 100% खरीदः
1.केंद्र सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 2024-25 के लिए तुअर, उइद और मंसूर दालों की 100% खरीद की अन्मति दी है। यह दालें उन रॉज्यों में खरीदी जाएंगी जिन्हें चिन्हित किया गया है। “
2.खरोद राज्य:
1.अरहर दालों की खरीद आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के किसानों से की जाएगी।
3.खरीद एजेंसी:
1.त्अर दाल की खरीद भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासघ (नाफैड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) के माध्यम से की जाएगी।
4.भारत का दालों का आयातकः
1.ध्यान देने योग्य बात यह है कि भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा आयातक देश है।

 पीएम-आशा योजना
PM-Asha Scheme

पीएम-आशा स्कीम की खास बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस योजना की महत्ता को बताया और कहा कि इससे न केवल किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलेगा, बल्कि कंज्यूमर्स को भी लाभ होगा. पीएम-आशा योजना में मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) योजनाओं को एकीकृत किया गया है, जिससे कार्यान्वयन में अधिक दक्षता आएगी.

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पीएम-आशा योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे वे अपने उत्पादों पर उचित मूल्य प्राप्त कर पा रहे हैं और कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक नया कदम बढ़ाया जा रहा है.

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